भारतीय प्रागैतिहासिक कला केन्द्र
प्रागैतिहासिक काल
- मनुष्य की उत्पति लगभग कितने वर्ष पूर्व हुई - 2000000
- प्रागैतिहासिक काल को कितने भाग में बाँटा गया - तीन
- मध्य पाषाण काल को और किस नाम से जानते हैं - मध्य प्रस्तर युग,मेसोलिथिक ऐज
- पूर्ब पाषाण काल के मानव का हथियार बना होता था - पत्थर ,हड्डी और लकड़ी
- भारत में सर्वप्रथम प्रस्तर युगीन औजार की खोज की - ब्रुसफुट
- भारत में प्रस्तर युग के सर्वप्रथम हथियार की खोज कहा हुई - पल्लावरम
- मध्यप्रदेश के मोरेन में "डी पी एस दारिकेश" द्वारा खोजे गये चित्रों का विषय रहा - शिकारी ,शिकार
- पंचमढ़ी किस पर्वत श्रंखला में स्थित है-महादेव
- पंचमढ़ी के आसपास 5 मील में करीब कितनी दरिया हैं- 50
- पंचमढ़ी के चित्रों को प्रकाश में कौन लाया-डी एच गार्डन (1936 ई.)
- प्राप्त अभिलेखों के अनुसार पंचमढ़ी के चित्रों का समय लगभग क्या था-नौवीं और दसवीं शताब्दी
- महादेव बाजार में किस पशु का चित्र मिला है- बकरी
- शेर के आखेट का दृश्य किस गुफा की छत पर बने हैं-भाडादेव गुफा
- पंचमढ़ी से प्राप्त चित्रों को कितनी श्रेणी में बांटा गया है- तीन
- 'शहद एकत्रित करते हुए चित्र' पंचमढ़ी के किस श्रेणी से है - तीसरे श्रेणी या स्तर
पंचमढ़ी
रायगढ़
- रायगढ़ किस प्रदेश में स्थित है- मध्य प्रदेश
- सबसे ज्यादा प्राप्त होने वाले प्रागैतिहासिक चित्र-रायगढ़
- बौतालदा की विशाल गुफा में किस के चित्र अंकित है-हिरण , छिपकली व जंगली भैंसे
- रायगढ़ की गुफा से प्राप्त चित्रों का रंग क्या था- गेरु, भूरा
- रायगढ़ जिला चित्रों की खोज किसने की- एण्डर्सन
- काबरा पहाड़ का महत्वपूर्ण चित्र किसका है-सुअर
- भीमबेटका की खोज किसने की- वाकणकर
- भीमबेटका की गुफा किस प्रदेश में है- भीमबेटका पहाड़ी मध्य प्रदेश
- भीमबेटका में कितनी प्राचीन गुफाएं हैं- 600
- भीमबेटका में कितने गुफाओं में चित्र अवशेष प्राप्त है-275
- भीमबेटका में सर्वाधिक किस रंग का प्रयोग हुआ है- गेरूआ
भीमबेटका
भीमबेटका दो अस्तर के चित्र बनाए गए-
1. आदिमानव द्वारा आखेट चित्र
2. आदिमानव को जानवरों के अंतर्गत मित्र के रुप में
- भीमबेटका विस्तृत क्षेत्र 10 किलोमीटर वर्ग में फैली है।
- भीमबेटका के संपूर्ण चित्रों का समय 30,000 से 10,000 ईशा पूर्व के मध्य माना गया।
- भीमबेटका ने सर्वाधिक गैलवे रंग का प्रयोग किया गया।
- भीमबेटका में चित्र गुफाओं की दीवारों व छतों पर बनाई गई।
भीमबेटका से प्राप्त प्रागैतिहासिक चित्र
- यहां पर आखेटक, ग्वाले, कृषक ,बारहसिंघा, हिरण, सूअर, रिक्ष वैसे आज जंगली जानवरों के चित्र अंकित है।
मिर्जापुर
- मिर्जापुर किस पर्वत पर स्थित है- विन्ध्याचल पर्वत
- मिर्जापुर किस श्रंखला में अवस्थित है- कैमूर श्रंखला
- मिर्जापुर किस नदी घाटी पर बसा हुआ है- सोन नदी घाटी
- सर्वप्रथम प्रागैतिहासिक चित्रों की खोज का कार्लाईल और काकबर्न ने कहा की- मिर्जापुर
मिर्जापुर से प्राप्त प्रागैतिहासिक चित्रों के नाम:
- घायल सूअर का आखेट
- हाथी का शिकार
- नृत्य वादन का चित्र
- माता पुत्र का चित्र
- गेंडे का आखेट
- मसाल वाला आदमी
- घुडसवार पालतू हाथी से पकड़ते हुए जंगली हाथी
- शाही के आखेट का चित्र
- हाथी के छापे का चित्र
- त्रिशूलधारी आखेट का चित्र
बांदा
बांदा की खोज 1907 में सिल्वेराड ने किया था, बांदा के प्रमुख केंद्रीय में सरहट मलवा करियाकुंडा अमवा उल्दन चित्रकूट मानिकपुर जैसे क्षेत्र सम्मिलित हैं।
बांदा से प्राप्त प्रागैतिहासिक चित्रों का नाम:
- चोंचदार पुरुष
- पहिए रहित गाड़ी
- तीन दंड धारी अश्वरोही अपने घोड़े की रस्सी पकड़े हुए पैदल जाते हुए
- बारहसिंघा का पीछा करते हुए धनुर्धारी का चित्र
इस तरह टीजीटी आर्ट के लिए प्रागैतिहासिक चित्रों में जो प्रमुख क्षेत्र थे उनमें मिर्जापुर बांदा पंचमढ़ी भीमबेटका होशंगाबाद आदि क्षेत्र सम्मिलित हैं जिनके बारे में महत्वपूर्ण जानकारी ऊपर दी गई है।
Keep it up 👌👌👌
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